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कविता संग्रह >> इस दुनिया को सुंदर बनाने में लगा हूँ इस दुनिया को सुंदर बनाने में लगा हूँमहेश आलोक
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इस दुनिया को सुंदर बनाने में लगा हूँ महेश आलोक का तीसरा कविता का संग्रह है। इन कविताओं का केन्द्रीय विषय है दुख, जिसके माध्यम से उन्होंने समाज को समझने, उसकी भीतरी गतिशीलता को रेखांकित करने और परिवर्तनों की और संकेत करने का बहुत सार्थक उपक्रम किया है।
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